मंगलवार, 31 मई 2011

गर्मी कितनी खुशियाँ लाती

गर्मी कितनी खुशियाँ लाती,
   पढ़ने से छुट्टी हो जाती.

छुट्टी  में नानी  घर जाते,
नये नये हैं दोस्त बनाते.

दिन भर करते हैं हम मस्ती,
फिर भी डांट नहीं  है पड़ती.

नाना हमको खूब घुमाते,
चॉकलेट, कुल्फी हैं खाते.

रोज नए पकवान  बनाती,
नानी हमको खूब खिलाती.

नाना हमें पार्क ले जाते,
नये नये हैं खेल खिलाते.

सुनते हैं हम रोज कहानी,
बहुत प्यार करती है नानी.

गुरुवार, 19 मई 2011

सूरज को गुस्सा क्यों आता

सूरज को गुस्सा क्यों आता,
क्यों इतनी गर्मी दिखलाता.

क़ैद कर दिया हम को घर में,
  बाहर खेल नहीं हम पाते.
सुबह  शाम  भी  इतनी गर्मी,
  नहीं पार्क में भी जा पाते.

इतनी सांस गर्म क्यों लेते,
लू बन कर के हमें सतायें.
परेशान  हैं  पशु  पक्षी भी,
न दाना पानी को उड़ पायें.

चंदा मामा तुमसे अच्छे,
सबको वह शीतलता देते.
हो गर्मी, सर्दी का मौसम
हरदम सदां एक से रहते.

तुम  सर्दी  में  लगते  प्यारे,
पर  गर्मी में  रौद्र  रूप क्यों?
तुम  देते हो  सबको  जीवन,
फिर स्वभाव में परिवर्तन क्यों.

शांत करो अब अपना गुस्सा,
   गर्मी से सब राहत पायें.
मिलकर तुम भी तो खुश होगे,
   जब बच्चे बाहर आपायें.


रविवार, 8 मई 2011

मेरी माँ

मम्मा कितनी प्यारी होती,
जग में  सबसे  न्यारी होती.

सबसे  पहले  वह  उठ जाती,
मुझे जगा कर ब्रुश करवाती.
ब्रेकफास्ट मुझ को करवाकर,
फिर  स्कूल   छोड़ने   जाती.

आने पर स्कूल से माँ को
सारी  बातें  मैं  बतलाता.
मम्मी से स्टोरी सुनकर,
दुपहर को सोने मैं जाता.

माँ के साथ शाम को जाता,
और पार्क में  बॉल  खेलता.
रोज नये वो  खेल सिखाती,
जिनको सब के साथ खेलता.

मेरी मम्मा बहुत है अच्छी,
नयी  कहानी रोज  सुनाती.
उनकी बांहों पर सिर रखकर, 
मुझको है निन्ना आ जाती.

क्या  हम  छोटे  बच्चे करते,
गर मम्मा का साथ न होता.
जीवन  कितना  सूना  होता,
गर मम्मा का प्यार न होता.

                                        HAPPY MOTHER'S DAY

मंगलवार, 3 मई 2011

होते बच्चे ही दुनियां में

   होते बच्चे ही दुनियां में,
दुनियां कितनी अच्छी होती.


न  स्कूल  यहाँ  पर  होते,
न टीचर का फिर डर होता.
मिल जाती छुट्टी बस्ते  से,
होम वर्क  न  करना होता.

न टीवी  पर रोक  है लगती,
गेम खेलते जब मन करता,
सारे  घर में  धूम  मचाते,
कोई  रोक टोक न करता.

लेकिन आती एक समस्या,
खाना घर में कौन  बनाता.
पैसे  कौन   दूध  को  देता,
कौन खिलोने हमें दिलाता.

अच्छा यही रहें मम्मा संग,
सब कुछ  डैडी हमें दिलायें.
पढ़ने की मेहनत अच्छी है,
अच्छा  है स्कूल  ही  जायें.

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