गुरुवार, 1 दिसंबर 2011

आओ चलो पार्क में खेलें

                           पढ़ते समय ध्यान से पढ़ते,
                           होम वर्क हम मन से करते.
                           तन मन में ताज़गी जगाने,
                           आओ चलो पार्क में खेलें.


                          कार्टून, टी वी कम देखें,
                          वीडियो गेम भी थोडा खेलें.
                          देखो  मौसम कितना अच्छा,
                          आओ चलो बॉल से खेले.


                          खेल हैं तन मज़बूत बनाते,
                          प्रेम और सद्भाव जगाते.
                          नये नये हैं मित्र भी बनते,
                          जब बाहर जाकर के खेलें.

19 टिप्‍पणियां:

  1. बच्चों को अच्छा संदेश देती कविता।

    सादर

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  2. बच्चों का अनुपम कोना..बहुत सुन्दर...

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  3. वाकई आजकल बहुत ज्यादा जरूरत है बच्चों को बाहर जाके खेलने की लिए उत्साह जागने की और यही संदेश देती बहुत बढ़िया कविता ...

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  4. सुन्दर सन्देश देती हुई प्यारी रचना ...

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  5. सन्देश देती हुई बालकविता ..

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  6. बहुत अच्छा बालगीत। हर बच्चों को पढ़ाना चाहिए।

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  7. बच्चों को अच्छा संदेश देती कविता।

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  8. सुन्दर बाल रचनाये कैलाश जी , कविताई विधायों पर मजबूत पकड़ है आपकी बधाई

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  9. कल 27/12/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद!

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  10. बहुत सुद्नर सन्देश-परक बाल रचना ..

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