सोमवार, 31 दिसंबर 2012

नव वर्ष तुम्हारा स्वागत है


हो रहा पुराना वर्ष विदा,
नव वर्ष खुशी लेकर आये.
कुछ ऐसा करना है हमको,
सारे जग में खुशियाँ छाये.

न भेद भाव मनों में हो,
सब ओर प्रेम बरसायें हम.
भूखा सोए न कोई बच्चा
थोड़ा सा उनमें बाँटें हम.

शिक्षा पर सब का हक हो,
बचपन न पिसे मशीनों में.
हैं करें कामना सभी आज,
खुशियाँ हों उनके जीवन में.

नव वर्ष तुम्हारा स्वागत है,
सब और नयी खुशियाँ लाना.
ऐसा न करें हम कार्य कोई,
जिससे न पड़े फिर शर्माना.

कैलाश शर्मा 

सोमवार, 24 दिसंबर 2012

सेंटा क्लॉज़ का इंतज़ार है

जब क्रिसमस त्यौहार है आता, 
खुशियाँ छा जाती हैं मन में.
जगमग करता है घर सारा,
क्रिसमस ट्री सजता आँगन में.

तरह तरह के केक हैं बनते,
जिनको मिलजुल कर खाते.
रौनक रहती है घर बाहर,
मिलकर सब त्यौहार मनाते.

सेंटा क्लॉज़ का इंतज़ार है,
वे सब को उपहार हैं लाते.
मन चाहे उपहार हैं पाकर,
सब बच्चे हैं ख़ुशी मनाते.

अपनी खुशियाँ उनसे भी बाँटें,
जो गरीब असहाय हैं जग में.
जब होंगी हर चेहरे पर खुशियाँ,
तब क्रिसमस आयेगी जग में.

MERRY CHRISTMAS

कैलाश शर्मा 

रविवार, 9 दिसंबर 2012

बचपन को बचपन रहने दो

मत छीनो बच्चों का बचपन,
बचपन को बचपन रहने दो.
मत बोझ बढ़ाओ बस्तों का,
बच्चों का बचपन रहने दो.

बढ़ गया है बोझ किताबों का,
भागे पीछे न तितली के.
पेड़ों पर कभी न झूला झूले,
न चखे स्वाद हैं इमली के.

हो गए प्रकृति से दूर बहुत,
कार्टून जगत में रहें मस्त.
अनजान हैं छुपा छुपाई से, 
विडियो गेमों में रहें मस्त.

अनजान हैं उगते सूरज से,
हैं नहीं चांदनी में खेले.
होम वर्क मिलता इतना,
अनजान हैं क्या होते मेले.

नंबर वन बनना है अच्छा,
पर इसे दवाब न बनने दो.
बचपन है एक बार मिलता,
बचपन को बचपन रहने दो.


© कैलाश शर्मा 
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