एक एक दीपक सब लाओ,
जहां अँधेरा वहां
जलाओ.
होते सब त्यौहार सभी के,
इन्हें सभी के साथ मनाओ,
भेद भाव से दूर रहो तुम,
सब को अपने गले लगाओ.
फुलझड़ियों सी हों
मुस्कानें,
हों अनार से खिलते चेहरे.
रहे प्रकाशित सारा जीवन,
मुश्किल नहीं राह में ठहरे.
आसमान उतरा जमीन पर,
चमक रहे धरती पर तारे.
खुशियों की इस दीवाली पर,
घर आँगन लगते हैं प्यारे.
पूजन करके साथ सभी के,
हंसी खुशी दीपावली मनायें.
घर में जो पकवान बने हैं,
आओ सब मिलकर के खायें.
****दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें****
....कैलाश शर्मा