मंगलवार, 24 दिसंबर 2013

सेंटा क्लॉज है लगता प्यारा।

इंतज़ार हर साल तुम्हारा,
सेंटा क्लॉज है लगता प्यारा.

सुन्दर लाल चमकता चोंगा,
श्वेत वर्फ सी प्यारी दाढ़ी.
उपहारों की गठरी कंधे पर,
रेंडियर खींच रहा है गाड़ी.

बच्चों को करता वो प्यार है,
इंतज़ार क्रिसमस का रहता.
खुश होते बच्चे मिलकर के,
इंतजार गिफ्ट्स का रहता.

आओ हम सब ख़ुशी मनाएं,
क्रिसमस का त्यौहार मनाएं.
धर्म जाति का भेद भुला कर,
मिलजुल कर त्यौहार मनाएं.

**HAPPY CHRISTMAS**

....कैलाश शर्मा 

शुक्रवार, 13 दिसंबर 2013

माँ मुझको एक गीत सुना दो

आज नहीं सुननी है मुझको
राजा रानी की नई कहानी।
मेरे मन में जो प्रश्न उठे हैं 
आज उन्हें माँ तुम सुलझा दो।

तितली रंग बिरंगी क्यों हैं, 
इनके पंख कौन है रंगता।
उड़ती रहती फूल फूल पर
माँ मुझको यह राज बता दो।

चाँद कहाँ दिन में जाता है,
सूरज कहाँ रात्रि में सोता।
दोनों साथ नहीं क्यों रहते,

बात मुझे माँ यह समझा दो।

अलग अलग क्यों रंग फलों के,     
क्यों कुछ खट्टे, कुछ मीठे होते।
कुछ छोटेकुछ बड़े क्यों होते,

माँ मुझ को कारण समझा दो।

पक्षी क्यों उड़ पाते नभ में,
शेर नहीं है क्यों उड़ पाता।
चिड़िया सा मैं उड़ न पाता,    
मुझ को माँ कारण बतला दो।

इन प्रश्नों को कल समझाना, 
मुझको नींद आ रही अब है।
अब तो प्यारे मीठे स्वर में,

माँ मुझको एक गीत सुना दो।

.....कैलाश शर्मा



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