जंगल में था एक कंगारू,
साथ में बच्चे के रहता था।
अपने मृदु स्वभाव के कारण,
सभी जानवरों में वो प्रिय था।
साथ में बच्चे के रहता था।
अपने मृदु स्वभाव के कारण,
सभी जानवरों में वो प्रिय था।
एक दिन दौड़ रहा कंगारू,
एक पेड़ से जा टकराया।
चोट लगी थी पैर में गहरी,
कंगारू था उठ न पाया।
चोट लगी थी पैर में गहरी,
कंगारू था उठ न पाया।
दर्द भरी चीख सुन कर के,
हुए इकट्ठे सभी जानवर।
देख चोट गंभीर है उसकी,
दुखी हो गए सभी जानवर।
हुए इकट्ठे सभी जानवर।
देख चोट गंभीर है उसकी,
दुखी हो गए सभी जानवर।
कर के जांच था भालू बोला,
यह इलाज न मेरे बस का।
लाना होगा अब इलाज को,
हमें डॉक्टर कोई शहर का।
यह इलाज न मेरे बस का।
लाना होगा अब इलाज को,
हमें डॉक्टर कोई शहर का।
तब रामू खरगोश था बोला,
उसका दोस्त शहर में रहता।
सीजर कुत्ते का है मालिक
एक डॉक्टर शहर में रहता।
उसका दोस्त शहर में रहता।
सीजर कुत्ते का है मालिक
एक डॉक्टर शहर में रहता।
रामू दौड़ शहर में पहुंचा,
सीजर को उसने बतलाया।
सुनकर बात सभी सीजर ने
मालिक से उसको मिलवाया।
सीजर को उसने बतलाया।
सुनकर बात सभी सीजर ने
मालिक से उसको मिलवाया।
बहुत दयालु उसका मालिक,
उसने अपना बैग उठाया।
सीजर, बेटे, खरगोश साथ में,
वह तुरंत जंगल में आया।
उसने अपना बैग उठाया।
सीजर, बेटे, खरगोश साथ में,
वह तुरंत जंगल में आया।
देख चोट उसकी था डॉक्टर
तुरत इलाज लगा था करने।
कुछ ही पल में दवा से उसकी
कंगारू फ़िर लगा था चलने।
तुरत इलाज लगा था करने।
कुछ ही पल में दवा से उसकी
कंगारू फ़िर लगा था चलने।
प्यार मोहब्बत से जो रहते,
उनके दुःख में सब साथी हैं।
कितनी भी हों बड़ी मुसीबत,
पल भर में सब मिट जाती हैं।
उनके दुःख में सब साथी हैं।
कितनी भी हों बड़ी मुसीबत,
पल भर में सब मिट जाती हैं।