सच्चा दोस्त मिले मुश्किल से,
कभी व्यर्थ न झगड़ा करना.
मिलजुल कर के साथ खेलना,
कभी न अपना तेरा करना.
धनी, गरीब, धर्म का अंतर,
कभी न तुम दीवार बनाना.
हो गरीब गर मित्र तुम्हारा,
उसे न यह अहसास दिलाना.
था गरीब सुदामा कितना,
मगर कृष्ण को सबसे प्यारा.
सदा साथ देकर के उसका,
रचा एक इतिहास था न्यारा.
मतलब से जो करे दोस्ती,
दोस्त न वो पक्का होता है.
जिसमें कोई स्वार्थ नहीं हो,
दोस्त वही सच्चा होता है.
कैलाश शर्मा