शनिवार, 17 जनवरी 2015

आसमान में यदि घर होता

आसमान में यदि घर होता,
झिलमिल तारे साथी होते।
चंदा मामा के घर जाते,
उनसे मिलके हम खुश होते।

नील गगन बन जाता आँगन,
लुका छुपी तारों से खेलते।
चंदा मामा के घर जा कर,
नानी के चरखे को देखते
      

धवल चांदनी रातों में हम
बैठ बादलों पर जब उड़ते।
साथ सितारों को लेकर के,
सारी दुनिया में हम फिरते

भूख अगर लगती जब हम को,    
चंदा मामा के घर जाते          
नानी फ़िर पकवान बनाती,        
हम सब हैं मिलकर के खाते
      

...कैलाश शर्मा 
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