आसमान में यदि घर होता,
झिलमिल तारे साथी होते।
चंदा मामा के घर जाते,
उनसे मिलके हम खुश होते।
झिलमिल तारे साथी होते।
चंदा मामा के घर जाते,
उनसे मिलके हम खुश होते।
नील गगन बन जाता आँगन,
लुका छुपी तारों से खेलते।
चंदा मामा के घर जा कर,
नानी के चरखे को देखते।
लुका छुपी तारों से खेलते।
चंदा मामा के घर जा कर,
नानी के चरखे को देखते।
धवल चांदनी रातों में हम
बैठ बादलों पर जब उड़ते।
साथ सितारों को लेकर के,
बैठ बादलों पर जब उड़ते।
साथ सितारों को लेकर के,
सारी दुनिया में हम फिरते।
भूख
अगर लगती जब हम को,
चंदा मामा के घर जाते।
नानी फ़िर
पकवान बनाती,
हम सब हैं मिलकर के खाते।
हम सब हैं मिलकर के खाते।
...कैलाश शर्मा
सुन्दर कल्पना से सजी बाल कविता।
जवाब देंहटाएंpyara! :)
जवाब देंहटाएंबेहतरीन कविता।
जवाब देंहटाएंनील गगन बन जाता आँगन,
जवाब देंहटाएंलुका छुपी तारों से खेलते।
चंदा मामा के घर जा कर,
नानी के चरखे को देखते।
बेहतरीन कविता लिखी है आपने आदरणीय श्री कैलाश शर्मा जी
सुन्दर ... मन में अनेक कल्पनाओं को जनम देता गीत ...
जवाब देंहटाएंप्यारी बाल कविता,
जवाब देंहटाएंप्यारी कल्पना को मिले, सुन्दर शब्द
बालमन की उड़ान के क्या कहने ! हर पल सुखद कल्पनाओं से भरा होता है ! बहुत सुन्दर कविता !
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (19-01-2015) को ""आसमान में यदि घर होता..." (चर्चा - 1863) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार...
हटाएंबाल मन के कल्पना का बहुत सुन्दर चित्रण !
जवाब देंहटाएंतमन्ना इंसान की ......
बहुत ही सुन्दर बाल रचना
जवाब देंहटाएंउत्तम रचना
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी कविता। और आसमान यदि घर में होता तो।
जवाब देंहटाएंअहा, बहुत ही प्यारी कविता। मजा आ गया।
जवाब देंहटाएंआसमान में यदि घर होता,
जवाब देंहटाएंझिलमिल तारे साथी होते।
चंदा मामा के घर जाते,
उनसे मिलके हम खुश होते।
बहुत ही सुदर कल्पना है। बाल साहित्य लेखकों को नमन।
धवल चांदनी रातों में हम
जवाब देंहटाएंबैठ बादलों पर जब उड़ते।
_____________________________ पढ़कर मन को जैसे पर लग गए ;)
कैलाश जी सर्वप्रथम तो आपकी इस रचना के लिए आपको बधाई....इस रचना में आपने बच्चों कि मनसा का बहुत ही सजग व सरलता से वर्णन किया है .....आप ऐसी ही रचनाओं को अब आप शब्दनगरी में भी प्रकाशित कर अन्य लेखकों को भी लाभान्वित कर सकतें हैं.......
जवाब देंहटाएंman hota hai ke phir se bacche ban jaaye.....
जवाब देंहटाएंsundar rachna
greetings from toys for Kids