आओ चलो पार्क में खेलें
पढ़ते समय ध्यान से पढ़ते,
होम वर्क हम मन से करते.
तन मन में ताज़गी जगाने,
आओ चलो पार्क में खेलें.
कार्टून, टी वी कम देखें,
वीडियो गेम भी थोडा खेलें.
देखो मौसम कितना अच्छा,
आओ चलो बॉल से खेले.
खेल हैं तन मज़बूत बनाते,
प्रेम और सद्भाव जगाते.
नये नये हैं मित्र भी बनते,
जब बाहर जाकर के खेलें.
बच्चों को अच्छा संदेश देती कविता।
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत अच्छी कविता...
जवाब देंहटाएंबच्चों का अनुपम कोना..बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंवाकई आजकल बहुत ज्यादा जरूरत है बच्चों को बाहर जाके खेलने की लिए उत्साह जागने की और यही संदेश देती बहुत बढ़िया कविता ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर सन्देश देती हुई प्यारी रचना ...
जवाब देंहटाएंbehtreen rachna.......
जवाब देंहटाएंसन्देश देती हुई बालकविता ..
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा बालगीत। हर बच्चों को पढ़ाना चाहिए।
जवाब देंहटाएंबच्चों को अच्छा संदेश देती कविता।
जवाब देंहटाएंसुन्दर...बहुत अच्छी कविता...
जवाब देंहटाएंबालमन को प्रेरित करने में सक्षम है, यह कविता!
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मुस्कानों की निश्छल आभा!
मधुर और सुन्दर कविता..
जवाब देंहटाएंwah wah apke is blog ne bachpan ki yaad dila di <3
जवाब देंहटाएंFrom Great talent
जवाब देंहटाएंसुन्दर बाल रचनाये कैलाश जी , कविताई विधायों पर मजबूत पकड़ है आपकी बधाई
जवाब देंहटाएंsundar sandesh deta bahut hi pyara bal geet
जवाब देंहटाएंकल 27/12/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
सुन्दर ......
जवाब देंहटाएंबहुत सुद्नर सन्देश-परक बाल रचना ..
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