मंगलवार, 5 जून 2012

आओ पर्यावरण बचायें

(विश्व पर्यावरण दिवस पर)


आओ पर्यावरण बचायें,
धरती माँ का क़र्ज़ चुकायें.


सब कुछ पाया धरती माँ से,
बदले में क्या दिया है हमने?
कुदरत की सौगात के बदले,
दूषित आँचल किया है हमने.


नदियों के निर्मल पानी में
बहा गन्दगी अपनी हमने.
गंगा यमुना को दूषित कर
दिया विनाश निमंत्रण हमने.


जंगल काट रहे हैं सारे,
बाँध बनाते हैं नदियों पर.
आसमान छूती इमारतें
बोझ बढाती हैं धरती पर.


अब भी समय, सुधारो गलती,
समय हाथ से निकल न जाये.
करो विकास, मगर यह सोचो,
कर्म तुम्हारा, न धरा मिटाये.


कैलाश शर्मा 

16 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर सीख देती हुई प्यारी कविता

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  2. सुन्दर सीख देती हुई प्यारी सी कविता..... विश्व पर्यावरण दिवस पर बधाई

    जवाब देंहटाएं
  3. अब भी समय, सुधारो गलती,
    समय हाथ से निकल न जाये.

    सुंदर सीख...
    मत संहार करें वृक्षों का.

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही अच्छी कविता । मेरे नए पोस्ट पर आपका बेसब्री से इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  5. /कायम रह सकने लायक विकास को रेखांकित करती सारगर्भित बालगीतात्मक पोस्ट . .कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    रविवार, 10 जून 2012
    टूटने की कगार पर पहुँच रहें हैं पृथ्वी के पर्यावरण औ र पारि तंत्र प्रणालियाँ Environment is at tipping point , warns UN report/TIMES TRENDS /THE TIMES OF INDIA ,NEW DELHI,JUNE 8 ,2012,१९
    http://veerubhai1947.blogspot.in

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  6. बहुत ही बेहतरीन सिख देती रचना...
    :-)

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत बढ़िया...
    सहज,सरल और अर्थपूर्ण कविता.....

    सादर.

    जवाब देंहटाएं
  8. नदियों के निर्मल पानी में
    बहा गन्दगी अपनी हमने.
    गंगा यमुना को दूषित कर
    दिया विनाश निमंत्रण हमने.

    sach kaha aapne...

    जवाब देंहटाएं
  9. पेड़ लगाओ धरा बचाओ ,
    जन्म दिन हो तुम्हारा ,फूल खिलाओ .

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत बेहतरीन रचना....
    मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

    जवाब देंहटाएं
  11. के बारे में महान पोस्ट "आओ पर्यावरण बचायें "

    जवाब देंहटाएं

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