होली है त्यौहार प्यार का
होली है त्यौहार प्यार का,
रंग, मिठाई और गुलाल का.
जब होली की लौ उठती हैं,
सभी बुराई भी जलती हैं.
केवल रंग प्यार के बचते,
जिसको सब चहरों पर मलते.
नहीं फर्क धर्मों का कोई,
रंग लगाता है हर कोई.
खेल चुके हैं रंग बहुत अब,
आओ गुझिया खायें मिल सब.
बहुत सुन्दर प्रेरणादायक होली के रंग | धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर होली का बाल गीत ..
जवाब देंहटाएंउत्तम रचना...
जवाब देंहटाएंखेल चुके हैं रंग बहुत अब,
जवाब देंहटाएंआओ गुजिया खायें मिल सब.
होली के साथ-साथ गुझिया की याद दिला दी । यहाँ कहाँ मिलेगी मुझे ? खैर कोई बात नहीं , गुझिया का आनंद लेने हम यहीं आते रहेंगे और रंगों के साथ गुझिया का भी आनंद लेते रहेंगे। इस प्रेम भाव से सिंचित बेहतरीन कविता के लिए आभार।
.
बहुत सुंदर होली का गीत....
जवाब देंहटाएंNICE BLOG
जवाब देंहटाएंbahut sunder payar bhara hai geet.........
जवाब देंहटाएंहोली की अच्छी समा आपने बाँधी है। आभार।
जवाब देंहटाएंयहाँ आकर तो मज़ा आ गया भाई साहब !
जवाब देंहटाएंबाल कविता की सरलता और सरसता हर किसी के बस की बात नहीं !
बच्चों में आप खूब समाँ बांधते होंगे !
शुभकामनायें आपको !!
sundar bahut sundar
जवाब देंहटाएंनहीं फर्क धर्मों का कोई,
जवाब देंहटाएंरंग लगाता है हर कोई.
खेल चुके हैं रंग बहुत अब,
आओ गुझिया खायें मिल सब......
होली की बहुत सुंदर...बहुत प्यारी कविता...
फागुनी शुभकामनायें एवं आभार....
बहुत सुन्दर ! उम्दा प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
होली के पर्व की अशेष मंगल कामनाएं। ईश्वर से यही कामना है कि यह पर्व आपके मन के अवगुणों को जला कर भस्म कर जाए और आपके जीवन में खुशियों के रंग बिखराए।
जवाब देंहटाएंआइए इस शुभ अवसर पर वृक्षों को असामयिक मौत से बचाएं तथा अनजाने में होने वाले पाप से लोगों को अवगत कराएं।
आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाये!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !