कल तक मैं कक्षा में पढ़ता,
आज बना लेकिन मैं टीचर.
जैसे ही मैं कक्षा में पहुंचा,
बच्चे बोले गुड़ मोर्निंग टीचर.
मैंने कहा निकालो पुस्तक,
आज पढ़ाऊंगा मैं तुमको.
ए बी सी डी लिखी बोर्ड पर,
पढ़ कर ये बतलाओ मुझको.
मेरी आज समझ में आया,
टीचर कितनी मेहनत करतीं.
बड़े प्यार से सदा पढ़ातीं,
मुझको टीचर अच्छी लगतीं.
mera pyar nanha shichak ko
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया।
जवाब देंहटाएंशिक्षक दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ।
सादर
बहुत ही प्यारी रचना....
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति , आभार
जवाब देंहटाएंअध्यापकदिन पर सभी, गुरुवर करें विचार।
जवाब देंहटाएंबन्द करें अपने यहाँ, ट्यूशन का व्यापार।।
छात्र और शिक्षक अगर, सुधर जाएँगे आज।
तो फिर से हो जाएगा, उन्नत देश-समाज।।
--
शिक्षक दिवस पर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को नमन करते हुए आपको शुभकामनाएँ प्रेषित करता हूँ!
माँ के श्रम सा श्रम वो करती |
जवाब देंहटाएंअवगुण मेट गुणों को भरती ||
टीचर का एहसान बहुत है --
उनसे यह जिंदगी संवरती ||
बहुत शानदार प्रस्तुति| शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ।
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी रचना ....
जवाब देंहटाएंसरल व ग्राह्य रचना.बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी रचना है .....शिक्षक दिवस की बधाई
जवाब देंहटाएंसुंदर कविता ......
जवाब देंहटाएंsundr kavita...
जवाब देंहटाएंkripya mere blog par bhi aayen..
aabhar.
http://umeashgera.blogspot.com/
सुन्दर बाल कविता...
जवाब देंहटाएंVery sweet creation for children.
जवाब देंहटाएंवाह नन्हे टीचर जी ....
जवाब देंहटाएंटीचर जी के परिश्रम को बच्चे मान्यता दें तो भला लगता है. आखिर इनकी भी तो बात मायने रखती है.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना है।
जवाब देंहटाएंवास्ताव में छोटे बच्चे अपने शिक्षक से
जवाब देंहटाएंबहुत प्यार करते हैं और बडे होकर शिक्षक ही
बनना चाहतें हैं।मेरी कविता उसकी यादें
लाइट जाने की वजह से अधूरी रह गई थी
दुबारा पढने का कष्ट करं।धन्यवाद।
bachchon se aaj nahi sadion se hum seekhte chale aa rahe hain,ye bachche hi kl ke nirmata hain.
जवाब देंहटाएंbachchon ke liye likhna koi aasan nahi hai.jo bachchon ke level pr pahunch jata hai wahi sahi mayane me bal sahityakar hai..aapko sadhuwad.