हड्डी मिली एक कुत्ते को,
खुशी खुशी लेकर के भागा.
उसके रस्ते में एक पुल था,
उसने उससे पानी में झांका.
उसे नज़र आयी पानी में,
एक हड्डी कुत्ते के मुंह में.
कैसे वह हड्डी भी पाऊँ,
लालच जागा उसके मन में.
जैसे ही उसने मुंह खोला,
भौंक डराने उस कुत्ते को.
हड्डी मुंह से गिरी छूट कर,
फिर अफसोस हुआ था उसको.
ज्यादा जो लालच करता है,
उसको पड़ता है पछताना.
जो तुमने मेहनत से पाया,
लालचवश न उसे गंवाना.
बहुत सुंदर संदेश देती हुई संदेशमयी बाल कविता....
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी कविता।
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कल 22/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
बहुत सुंदर संदेश देती हुई बाल कविता|
जवाब देंहटाएंसुन्दर सन्देश देती हुई प्यारी रचना ..
जवाब देंहटाएंज्यादा जो लालच करता है,
जवाब देंहटाएंउसको पड़ता है पछताना.
जो तुमने मेहनत से पाया,
लालचवश न उसे गंवाना.
Bahut achchha aur preranadayak bal geet...
वाह! सुन्दर सीख...
जवाब देंहटाएंसादर....
बेहद रोचक ,सुन्दर सन्देश देती बाल कविता...
जवाब देंहटाएंबच्चों के लिखना बच्चों की बात बेशक नहीं मगर मन के एक कोने में कोई बच्चा हुलसता हुआ होना चाहिए:)
जवाब देंहटाएंसुन्दर सन्देश
बहुत बढ़िया...
जवाब देंहटाएंदीये की लौ की भाँति
जवाब देंहटाएंकरें हर मुसीबत का सामना
खुश रहकर खुशी बिखेरें
यही है मेरी शुभकामना।
बढ़िया सन्देश देती रचना
जवाब देंहटाएंआभार !
आपको भी दीपावली की
हार्दिक शुभकामनायें !
दीपावली केशुभअवसर पर मेरी ओर से भी , कृपया , शुभकामनायें स्वीकार करें
जवाब देंहटाएंसुन्दर सन्देश देती हुई प्यारी
जवाब देंहटाएंरचना आपको भी दीपावली की
हार्दिक शुभकामनायें.
आनन्द विश्वास
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये............
जवाब देंहटाएंप्रकाश पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये ..मेरी और से भी बधाहिया सवीकार कीजिये
Sachmuch Lalach buri balay hai. Aapko tatha aapke pariwar ko deepawali ki hardik subhkamna.
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