एक एक दीपक सब लाओ,
जहां अँधेरा वहां
जलाओ.
होते सब त्यौहार सभी के,
इन्हें सभी के साथ मनाओ,
भेद भाव से दूर रहो तुम,
सब को अपने गले लगाओ.
फुलझड़ियों सी हों
मुस्कानें,
हों अनार से खिलते चेहरे.
रहे प्रकाशित सारा जीवन,
मुश्किल नहीं राह में ठहरे.
आसमान उतरा जमीन पर,
चमक रहे धरती पर तारे.
खुशियों की इस दीवाली पर,
घर आँगन लगते हैं प्यारे.
पूजन करके साथ सभी के,
हंसी खुशी दीपावली मनायें.
घर में जो पकवान बने हैं,
आओ सब मिलकर के खायें.
****दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें****
....कैलाश शर्मा
हार्दिक शुभकामनायें आदरणीय-
जवाब देंहटाएंpyari si rachna , dipawali ki hardik shubhkamnaye aapko
हटाएंसुंदर कविता ...शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबिलकुल दीपोत्सव जैसी सुन्दर कविता।................. (खिलते चहरे.) में (चेहरे) की टाइपिंग त्रुटि ठीक कर लें।
जवाब देंहटाएंAap ko bhi dipawali ki hardik shubhkaamnayen sir...👍😃
जवाब देंहटाएंsundar rachna ..aapko bhi dipotsav ki haardik shubhkamnaye
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर बाल रचना ,,,
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनाएँ।।
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छोटी दिवाली कि हार्दिक शुभकामनायें
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जवाब देंहटाएंखुबसूरत अभिवयक्ति...... शुभ दीपावली
शुभ दीपावली !!आशा है कि आप सपरिवार सकुशल होंगे |
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना !!
बहुत प्यारी रचना ! दीपावली की सभीको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंवाह ... जैसे दीप जल उठे सब जगह ... मन मोहक रचना ...
जवाब देंहटाएंदीपावली के पावन पर्व की बधाई ओर शुभकामनायें ...
बहुत सुन्दर रचना ... दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंमनभावन सन्देश परक भाव गीत।संस्कृति वंदन सा।
जवाब देंहटाएंदीपों से देदीप्यमान मनमोहक रचना ,सर जी सादर
जवाब देंहटाएंsundar prastuti
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी रचना !
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