राखी नहीं है रेशम धागा,
इसमें कितना प्यार भरा है।
बचपन की मीठी यादों का
पूरा इक संसार भरा है।
इसमें कितना प्यार भरा है।
बचपन की मीठी यादों का
पूरा इक संसार भरा है।
बहन भाई का प्यारा रिश्ता,
करता है सुदृढ रक्षा बंधन।
कितने भी वे दूर हों चाहे,
आता याद प्यार का बंधन।
करता है सुदृढ रक्षा बंधन।
कितने भी वे दूर हों चाहे,
आता याद प्यार का बंधन।
बंधा रहे रेशम डोरी में,
भाई बहन का प्यार सदा ही।
खुशियाँ बरसें भाई के घर में,
करे कामना बहन सदा ही।
भाई बहन का प्यार सदा ही।
खुशियाँ बरसें भाई के घर में,
करे कामना बहन सदा ही।
राखी के एक एक धागे में,
निश्छल प्यार बहन का बसता।
भाई बहन का प्रेम अमर हो,
रक्षा बंधन त्यौहार है कहता।
निश्छल प्यार बहन का बसता।
भाई बहन का प्रेम अमर हो,
रक्षा बंधन त्यौहार है कहता।
**रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनायें**
....कैलाश शर्मा
सुन्दर पावन भाव .... हार्दिक शुभकामनायें ....
जवाब देंहटाएंरक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनायें । बहुत सुंदर वाह :)
जवाब देंहटाएंवाह्ह्ह बहुत सुंदर भाव
जवाब देंहटाएंरक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनायें
सादर
बहुत सुन्दर ......सादर नमस्ते भैया
जवाब देंहटाएंशुभ कामनाएं आप सभी को “”रक्षा-बंधन”” त्योहार की ..
कवच राखी
रिश्ता भाई बहन
स्नेह बंधन| सविता मिश्रा...
वाह ... बहुरत ही सुन्दर मन को छूती ... भानाओं से सरोबर रचना ...
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन की शुभकामनायें ..
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (11-08-2014) को "प्यार का बन्धन: रक्षाबन्धन" :चर्चा मंच :चर्चा अंक:1702 पर भी होगी।
--
भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक
पावन रक्षाबन्धन पर्व की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार..
हटाएंबहुत सुन्दर .......रक्षाबंधन की कविता मैं ढूंढ़ते यहाँ पहुंचा धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव, बधाई आपको शर्माजी
जवाब देंहटाएंनवाकार
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंरक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन की शुभकामनाएँ !
बहुत सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंअनुभूति : ईश्वर कौन है ?मोक्ष क्या है ?क्या पुनर्जन्म होता है ?
मेघ आया देर से ......
सुन्दर प्यारी रचना ..
जवाब देंहटाएंप्यारी सी राखी की कविता।
जवाब देंहटाएंसुन्दर मन को छूती ... कविता।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना ..
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