आज तिरंगा हम फहरायें,
आजादी का ज़श्न मनायें।
आजादी का ज़श्न मनायें।
कितने हुए शहीद देश पर,
कितने फांसी पर थे लटके।
याद करें हम उन वीरों को,
हुए अमर देश पर मिट के।
कितने फांसी पर थे लटके।
याद करें हम उन वीरों को,
हुए अमर देश पर मिट के।
नहीं समझ पाये ग़र कीमत,
इन वीरों के बलिदानों की।
व्यर्थ हमारा जीवन होगा,
लाज बचा न पाये माँ की।
इन वीरों के बलिदानों की।
व्यर्थ हमारा जीवन होगा,
लाज बचा न पाये माँ की।
हाथ पकड़ कर बढ़ो सभी का,
कहीं न कोई पीछे रह जाये।
कुछ तक सीमित न विकास हो,
तब असली आजादी आये।
...कैलाश शर्मा
कुछ तक सीमित न विकास हो,
जवाब देंहटाएंतब असली आजादी आये।
बहुत बढ़िया कैलाश जी।।।
जय हिन्द!
जवाब देंहटाएंआजादी के जश्न कि सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
बहुत सुन्दर एवं प्रेरक बाल गीत ! स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंसुन्दर, प्रेरणादायी
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर बाल गीत ! स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ।
जवाब देंहटाएंनहीं समझ पाये ग़र कीमत,
जवाब देंहटाएंइन वीरों के बलिदानों की।
व्यर्थ हमारा जीवन होगा,
लाज बचा न पाये माँ की।
सुन्दर बालगीत !
खूबसूरत बाल कविता
जवाब देंहटाएंHi Kailash ji
जवाब देंहटाएंaapne bahut acchi kavita likhi hai. Main aapka blog kuch dino se padh raha hoon aur mujhe aapke post acche lage. Maine bhe kal ek naya hindi blog Dainik Blogger shuru kiya hai. Kripya padh kar apne comments ya sujhav de to mujhe accha lagega.
Thank you
Ayaan
blog ka link hai http://dainikblogger.blogspot.in/
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