मंगलवार, 31 मई 2011

गर्मी कितनी खुशियाँ लाती

गर्मी कितनी खुशियाँ लाती,
   पढ़ने से छुट्टी हो जाती.

छुट्टी  में नानी  घर जाते,
नये नये हैं दोस्त बनाते.

दिन भर करते हैं हम मस्ती,
फिर भी डांट नहीं  है पड़ती.

नाना हमको खूब घुमाते,
चॉकलेट, कुल्फी हैं खाते.

रोज नए पकवान  बनाती,
नानी हमको खूब खिलाती.

नाना हमें पार्क ले जाते,
नये नये हैं खेल खिलाते.

सुनते हैं हम रोज कहानी,
बहुत प्यार करती है नानी.

19 टिप्‍पणियां:

  1. गर्मी कितनी खुशियाँ लाती,
    पढ़ने से छुट्टी हो जाती.

    छुट्टी में नानी घर जाते,
    नये नये हैं दोस्त बनाते.

    सुन्दर और बेहतरीन कविता...

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर और बेहतरीन कविता|

    जवाब देंहटाएं
  3. मज़ा आ गया कविता पढ़कर,
    कविता बहुत सुहानी है!
    इस दुनिया में सबसे अच्छी,
    दादी या फिर नानी है!

    जवाब देंहटाएं
  4. अरे वाह!
    आपने तो बिल्कुल बच्चों के मन की बात कह दी है!

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सुन्दर है ये बाल कविता…….

    जवाब देंहटाएं
  6. गर्मी के मौसम की सुंदर कविता .....

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुंदर बाल कविता

    आप भी सादर आमंत्रित हैं
    एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति का परिचय
    ये मेरी पहली पोस्ट है
    उम्मीद है पसंद आयेंगी

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत ही सुन्दर बेहद प्यारी कविता......

    जवाब देंहटाएं
  9. गर्मीयोके छुट्टी का मज़ा ही कुछ और है ...बहुत सुन्दर रचना

    जवाब देंहटाएं
  10. mujhe to aaj bhi ye garmi bas isi liye achchhi lagti hai
    sunder kavita
    saader
    rachana

    जवाब देंहटाएं
  11. ये तमाम बाल कवितायेँ बहुत ही मनभावन हैं.
    आप ने मेरे ब्लाग पर २८ मई और ०२ जून को जो शुभकामनाएं व्यक्त कीं उनके लिए बहुत-बहुत आभार.

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत सुंदर और प्यारी बाल कविता! मैं तो अपने बचपन के दिनों को याद करने लगी!

    जवाब देंहटाएं

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...